आज हर खबर स्क्रीन पर आती है। पर कौन सी खबर पढ़ें और किस पर भरोसा करें — यह असल सवाल है। इस टैग में हमने ऐसे लेख जमा किए हैं जो आपको ऑनलाइन मीडिया समझने और परखने में मदद करेंगे। यहां से आप सीखेंगे कि कैसे खबर की जाँच करें, कौन से स्रोत भरोसेमंद होते हैं और किस तरह की भाषा फेक न्यूज में ज्यादा मिलती है।
सबसे पहले ही हेडलाइन पर भरोसा मत करिए। अक्सर सनसनीखेज हेडलाइन पूरी कहानी नहीं बताती। खबर खोलकर नीचे दिए गए बिंदुओं पर ध्यान दें: स्रोत कौन है, रिपोर्ट किसने लिखी, तारीख क्या है और क्या किसी अन्य भरोसेमंद मीडिया ने भी वही खबर दी है।
दूसरा, स्रोत की जाँच कीजिए। आधिकारिक वेबसाइट, सरकारी रिलीज या जाने-माने अख़बार और प्रतिष्ठित एजेंसियों की रिपोर्ट ज्यादा भरोसेमंद होती हैं। सोशल पोस्ट, अनजान ब्लॉग या बिना स्रोत वाली स्टोरी से सतर्क रहें।
तीसरा, तथ्य देखें न कि भावनाएँ। अगर लेख में सिर्फ भावना जगाने वाली भाषा है और कोई आंकड़ा/प्रमाण नहीं है, तो वह संदिग्ध हो सकता है। तस्वीरों और वीडियो की सत्यता के लिए रिवर्स इमेज सर्च या स्रोत की तारीख़ चेक करें।
चौथा, क्रॉस-चेक कीजिए। एक ही खबर को दो-तीन अलग स्रोतों से मिलाने की आदत डालें। अगर वही जानकारी अलग स्रोतों में अलग दिखाई दे रही हो तो सावधानी बरतें।
यह टैग उन लेखों को इकठ्ठा करता है जो मीडिया, चैनल निष्पक्षता, अखबार तुलना और खबरों की सच्चाई पर चर्चा करते हैं। उदाहरण के तौर पर हमारे कुछ लेख—"क्या BBC हिंदी एक भ्रांतिक समाचार एजेंसी बन गया है?", "भारतीय टीवी में सबसे निष्पक्ष चैनल कौन सा है?", "क्यों आपने भारतीय टीवी चैनल्स पर समाचार देखना बंद कर दिया?", और "कौन सा अख़बार बेहतर है: द हिंदू या द टाइम्स ऑफ़ इंडिया?"—सीधे इसी मुद्दे से जुड़े हैं।
अगर आप किसी खबर की शंका रखते हैं तो पहले ऊपर बताई जाँचें अपनाएँ। फिर हमारा संबंधित लेख पढ़कर संदर्भ देखें। यहाँ आपको स्पोर्ट्स रिपोर्टिंग, टीवी और अख़बारों की तुलना, और खबरों के राजनीतिक/भाषाई पहलुओं पर रोचक, साधारण और सीधे लेख मिलेंगे।
अंत में, थोड़ी सावधानी और रोज़ाना की आदतें बदलकर आप ऑनलाइन मीडिया में बेहतर फैसला ले सकते हैं। ऐसे ही उपयोगी और सीधे लेखों के लिए इस टैग के पोस्ट पढ़ते रहें और कोई खास सवाल हो तो उस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में लिखिए—हम कोशिश करेंगे साफ जवाब देने की।
भारतीय राजनीतिक समाचार के लिए अनबायीस्ट स्रोत मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पेपर, टेलीविज़न और अंतरराष्ट्रीय अंतर्निहित सामग्री हैं। अतिरिक्त स्रोत स्थानीय और स्थानीय पेपर, ऑनलाइन मीडिया, वृत्तपत्रीकरण और सोशल मीडिया भी हैं।