राम प्रकाश राठौर ब्यूरो प्रमुख

हरदोई 31 जनवरी। साधन सहकारी समिति लिमिटेड के सभापति पद पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी की एक वोट से हार को लेकर भाजपा मे अपसी मतभेद उभरकर सामने आने लगें। साधन सहकारी समिति लिमिटेड (सुरसा) के सभापति पद पर वहाउद्दीन और भाजपा समर्थित दिवाकर शर्मा आमने-सामने थे और काफी ड्रामेबाजी के बाद आखिरकार अंत मे शिवराज के निर्णायक वोट से भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हार का कसीला स्वाद चखना पड़ गया। सुरसा सहकारी समिति के सभापति पद को नाक की लड़ाई मान कर चल रही भाजपा मे एक वोट से हार के बाद आपस मे ही तलवारें खिंच गयी और हार की जिम्मेदारी सुरसा मंडल अध्यक्ष अमित िकुमार सिंह के सिर डाली जाने लगी। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष ने क्षेत्रीय विधायक व प्रत्याशी से हार के कारणों की रिपोर्ट मांग ली जिससे विवाद इतना बढ़ गया कि सुरसा मंडल अध्यक्ष अमित सिंह को खुद जिलाध्यक्ष को जबाब देने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ गया। पार्टी की ओर से हार का कारण बनाये जाने से खफा मंडल अध्यक्ष अमित कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि..............

भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री जी ने जो अनर्गल आरोप लगाए हैं वह पूरी तरीके से गलत है क्योंकि जिस दिन यह सब हुआ मैं बाहर था शाम को घर पर आया हां इतना जरूर है मैंने जिला अध्यक्ष के कहने पर भी एक बसपाई की मदद नहीं की क्योंकि दिवाकर शर्मा बसपाई हैं और लगातार दो-तीन दिन से मुझ पर दबाव बनाया जा रहा था की दिवाकर शर्मा की मदद करें जबकि भाजपा का खुद कैंडिडेट मैदान में थे जिनको जिला अध्यक्ष के कहने पर हराया गया मैंने अध्यक्ष पद के लिए लोकनाथ गुप्ता सरसैया निवासी जो जीवन पर्यंत भाजपा से है और  हमेशा भाजपा के लिए कार्य किया वह खड़ा हुआ था मैदान में मैंने उसकी मदद की वह हार गया क्योंकि उसे हराया गया जिसके बाद  जिला अध्यक्ष को मेरी बात नागवार गुजरी और उन्होंने मेरे खिलाफ मोर्चा खोल दिया लगातार भाजपाइयों को ही सताया जा रहा है संगठन इनकी वजह से परेशान है और जिले में संगठन भाजपा का दम तोड़ ऐसे ही रहा तो ज्यादा दिन वह दूर नहीं है कि भाजपा की पूरी मट्टी पलीत हो जाएगी और कोई भी आदमी भाजपा के साथ नहीं खड़ा होगा जिले में भी सब जानते हैं कि कौन सही बोल रहा है जीवनपर्यंत मेरे घर से भाजपा की मदद की गई और हमेशा की जाएगी लेकिन गलत चीज का साथ बिल्कुल नहीं दूंगा इसमें मेरी जान ही न क्यो न चली जाए-----------
मेरे परिवार में मेरे बाबा ने जनसंघ के जमाने  मैं भाजपा में है और संगठन के लिए कार्य भी किया लेकिन जिसका सिला जिलाध्यक्ष जी ने दिया है वह काफी काबिले तारीफ है हमारे परिवार में जीवन पर्यंत राजनीति भाजपा से ही हुई लेकिन बसपाइयों की मदद करने के लिए लगातार हम पर दबाव बनाया जा रहा था लेकिन जिस कारण मैं बाहर चला गया और जिला अध्यक्ष जिस तरीके से यह कार्य किया है वह गलत है  मैं लिखित तौर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष पद से खुद इस्तीफा दूंगा क्योंकि ऐसे कार्य करना मुश्किल है मेरा दम घुट रहा है
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