लखनऊ (K5 News)। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में जीत और लोकसभा चुनाव की तैयारी भाजपा के मिशन 2019 को नए सिरे से धार देने की रणनीति तैयार करने का आधार बन सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल भी संभव है। फेरबदल में कई की कुर्सी जा सकती है तो कुछ उपकृत भी हो सकते हैं। दरअसल यूपी में विभाग पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत 87 विभाग से 37 में समेटने की योजना है। एक और आधार योगी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के बाद उनके कामकाज की समीक्षा हो सकती है।
फेरबदल के संभावित आधार
  • विभागों का विघटन और संयुक्तीकरण
  • राजयसभा चुनाव में भाजपा की जीत
  • 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी
  • मंत्रियों की एक साल की परफामेंस
बदलाव की रूपरेखा अप्रैल में
सूत्रों की मानें तो बदलाव अप्रैल के पहले दूसरे या तीसरे सप्ताह होने की उम्मीद की जा सकती है। फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद से ही भाजपा में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है जिनके स्थान पर संगठन में शामिल पदाधिकारियों को लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मंत्रियों के पिछले एक साल की कार्य प्रणाली को देखकर मंत्रिमडल में आगे की भूमिका तय कर सकते हैं।
काम दिखा तो कुर्सी भी रहेगी
एक दो दिन में योगी सरकार अपना का लेखाजोखा पेश करने जा रही है। इसके बाद काफी कुछ तस्वीर साफ होने लगेगी। माना जा रहा है कि इस बार योगी सरकार में ऐसे नेताओं को मौका मिलेगा, जो युवा होने के साथ विकास के खास विजन वाले हों।10 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ आ रहे हैं। उनके सामने मौजूदा यूपी सरकार के मंत्रियों के एक साल के कामकाज का लेखाजोखा रखा जाएगा। इसी आधार पर कुर्सी पाने और बचाने की भूमिका तय होगी।

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