लखनऊ (K5 News)। सपा-बसपा गठबंधन के बाद बदल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच भाजपा ने विपक्षी किले पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा के करीब आधा दर्जन दलित सांसदों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है, लेकिन भाजपा ने दूसरे दलों के प्रमुख दलित और पिछड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया। सोमवार को सपा व बसपा के एक-एक पूर्व सांसद, एक पूर्व विधायक, एक पूर्व एमएलसी, कई पूर्व प्रत्याशी और नगर पालिका परिषदों के चेयरमैन समेत 28 नेताओं ने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।सोमवार को भाजपा मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने नेताओं को भाजपा का पट्टा पहनाकर सदस्यता दिलाई। कहा, भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं। डॉ. पांडेय ने मिश्रिख के पूर्व बसपा सांसद अशोक रावत, सपा के पूर्व सांसद जयप्रकाश रावत, डुमरियागंज के पूर्व विधायक प्रेमप्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी, पूर्व एमएलसी हीरा ठाकुर, कुशीनगर के तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व बसपा प्रत्याशी विजय राय, उन्नाव में पूर्व बसपा प्रत्याशी पंकज त्रिपाठी, पूर्व ब्लाक प्रमुख बिजेंद्र सिंह, प्रमुख राम लाल यादव, रामकुमार वर्मा, परमेश्वर भार्गव, सांडा के ब्लाक प्रमुख कृष्ण कुमार वर्मा, सीतापुर की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु गुप्ता, सिधौली नगर पंचायत की चेयरमैन मीना राजपूत, बंकी नगर पंचायत चेयरमैन अंशु सिंह, जिला सहकारी बैंक सीतापुर के पूर्व अध्यक्ष नीरज वर्मा,गाजीपुर के शोभनाथ यादव, आगरा की डॉ. कुंदनिका शर्मा, लोकदल के सुभाष गोयल, मालती सिंह, सपा के संजीव मिश्रा, भोगनीपुर के पूर्व प्रत्याशी धर्मपाल सिंह भदौरिया, रनिया के पूर्व प्रत्याशी सतीश शुक्ला, सिकंदरा के पूर्व प्रत्याशी महेंद्र कटियार, शिवली नगर पंचायत अध्यक्ष अवधेश कुमार शुक्ला, अकबरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योत्सना कटियार, नगर पालिका परिषद घाटमपुर के चेयरमैन संजय सचान, शिवराजपुर नगर पालिक परिषद के चेयरमैन विनोद तिवारी, बिल्हौर के मोहम्मद शादाब खान समेत कई प्रमुख लोगों ने अपने समर्थकों संग भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 
दलित और पिछड़ा समीकरण मजबूत बनाने की पहल 
डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने पूर्व सांसद जयप्रकाश रावत, अशोक रावत तथा पूर्व एमएलसी हीरा ठाकुर जैसे नेताओं के जरिये दलित और पिछड़ा समीकरण मजबूत करने की पहल की। 1991 और 1996 में दो बार हरदोई में भाजपा से सांसद रहे जयप्रकाश रावत 1998 में चुनाव हारने के बाद लोकतांत्रिक कांग्रेस से 1999 में चुनाव लड़े और फिर जीत गये। 2004 में जयप्रकाश सपा में शामिल हो गये और लखनऊ की मोहनलालगंज से लड़े और जीते लेकिन, 2009 में चुनाव हार गए। 2014 में वह फिर सपा से मिश्रिख क्षेत्र से चुनाव लड़े और हार गये।अशोक रावत 2004 और 2009 में मिश्रिख से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते, लेकिन 2014 में हार गये। खास बात यह कि मिश्रिख की भाजपा सांसद अंजूबाला 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी रहे जयप्रकाश और अशोक दोनों को भाजपा की सदस्यता दिलाने आयी थीं। उधर, दो बार एमएलसी रहे हीरा ठाकुर बसपा और सपा में सक्रिय रहने के बाद भाजपा में शामिल हुए। ठाकुर नाई समाज के प्रमुख नेताओं में हैं। नगर पंचायतों के अध्यक्ष और अन्य संगठनों से जुड़े नेताओं का भी दलितों और पिछड़ों में प्रभाव है।
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