लखनऊ(K5 News)। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जेनरिक स्टोर खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है। इन स्टोर में 600 किस्म की दवाएं और सर्जिकल सामान बाजार दर से 80 फीसद तक सस्ते मिलेंगे। मामला हाईकोर्ट में चल रहा था इसलिए योजना अटकी हुई थी, अब इसका रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र (जेनरिक स्टोर) खोले जा रहे हैं। इन पर मरीजों को बाजार दर से सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराया जाना है। साल 2016 से ही कई प्रदेशों में स्टोरों का संचालन शुरू हो गया है। वहीं, 10 अक्टूबर 2017 को केंद्र सरकार, बीपीपीआइ, साची व यूपी सरकार के करार होने के बाद ही योजना अधर में फंस गई। कारण, सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल व सीएचसी पर जेनरिक स्टोर खोलने का मामला कोर्ट में पहुंच गया। ऐसे में सरकारी क्षेत्र में खुलने वाले एक हजार जेनरिक स्टोर फाइलों में कैद होकर रह गए। वहीं, छह महीने कोर्ट में चले मामले का निस्तारण तीन दिन पहले हो गया है। योजना के स्टेट नोडल ऑफीसर डॉ. एके सिंह के मुताबिक न्यायालय ने लोगों के हित को देखते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। ऐसे में राज्य के अस्पतालों में एक हजार जेनरिक स्टोर खोलने का रास्ता 28 मार्च को साफ हो गया है। डेढ़ माह के भीतर खुल जाएंगे स्टोर डॉ. एके सिंह ने बताया कि राज्य की 823 सीएचसी, 200 जिला व महिला अस्पताल और 16 मेडिकल कॉलेजों में जेनरिक स्टोर खोलने का प्लान है। ऐसे में पहले एक हजार केंद्रों पर डेढ़ माह के भीतर स्टोर खोल दिए जाएंगे, जबकि शेष में दूसरे चरण में खुलेंगे। इन केंद्रों पर 600 किस्म की दवाएं व 154 सर्जिकल सामान होंगे।
लखनऊ के यह अस्पताल शामिल केजीएमयू, लोहिया संस्थान, लोहिया अस्पताल, बलरामपुर, सिविल, बीआरडी, लोकबंधु राजनारायण, आरएलबी अस्पतालों में भी जन औषधि केंद्र खोलने का प्लान है। अस्पतालों का हो गया है चयन अस्पतालों में मरीजों को सस्ती दर पर दवा डेढ़ माह के अंदर मिलने लगेगी। वेंडरों व अस्पताल में स्थान का चयन हो गया है। ऐसे में अब युद्ध स्तर पर स्टोर खोलने का काम शुरू किया जाएगा। चार को बनाया था पार्टी डॉ.संह के मुताबिक, पहले अक्टूबर 2017 में ही मेडिकल कॉलेजों में ब्राडेड दवा सप्लाई करने वाली फर्म ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी थी। उसने खुद को जेनरिक स्टोर संचालन के लिए वरीयता देने का दावा किया था। वहीं नवंबर 2017 को बेरोजगार फार्मासिस्टों ने सरकारी अस्पताल में जेनरिक स्टोर संचालन के लिए कोर्ट चले गए। ऐसे में योजना का संचालन टल गया। नवंबर में शुरू होने वाली योजना मार्च तक शुरू नहीं हो सकी। राजधानी के 17 सीएचसी राजधानी के प्रमुख इलाकों में खुलीं आठ अर्बन सीएचसी पर भी जन औषधि केंद्र खुलने हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए विकास खंडों में स्थित सीएचसी पर औषधि केंद्र खोले जाएंगे। कुल 17 सीएचसी योजना में शामिल हैं। निजी क्षेत्र में खुले 500 स्टोर राज्य में सरकारी अस्पतालों में जहा स्टोर नहीं खुल सके। वहीं निजी क्षेत्र में अब तक 500 जेनरिक स्टोर खुल चुके हैं। इन सभी पर दवाओं को पूरा ब्योरा कंप्युटरीकृत है। साथ ही सरकार द्वारा तय दर पर ही दवा की बिक्त्री की जा सकती है। ऐसे होगा संचालन - सरकारी अस्पतालों में स्टोर सरकार द्वारा खोले जाएंगे।
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