मोहम्मदी खीरी योगी सरकार के फरमानों की खुलेआम मोहम्मदी सेंटरों पर उड़ाई जा रही धज्जियां किसान गेहूं लेकर जाता है उसको यह कह कर टाल दिया जाता है कि बारदाना नहीं है पैसे की दम पर चल रहा है तीनों सेंटरों पर कार्यक्रम अगर पैसा है या कोई पावर है तो तोला जा रहा आम जनता का गेहूं नहीं तो सेंट्रो प्रभारियों का कहना है कि यहां जमीन में डाल दीजिए अगर बरसात हुई तो उसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे अव्यवस्थाओं का बोलबाला कोई व्यवस्था नहीं किसानों के लिए मंडी समिति के अंदर पानी को तरस रहे किसान कई हफ्ते से बंद पड़ी टंकी बारदाना के कई लगी गाठे सामने लगी हुई नजर आ रही हैं अगर किसान उनसे पूछता है बारदाना तो है आपके पास तो उसके ऊपर उनसे सुविधा शुल्क मांगा जाता है इसको लेकर किसानों के चेहरे पर मायूसी छा जाती है और घर वापस चले जाते हैं यह कब तक चलता रहेगा कार्यक्रम क्या किसान को इससे मिल पाएगी निजात
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