नई दिल्ली: वित्तमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद निर्मला सीतारमण की ये पहली बैठक है। इस बैठक में ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर प्रमुख कदम उठाने जाने के कयास थे। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक हुई, जिसमें अप्रत्यक्ष कर, इलेक्ट्रिक वाहन आदि मुद्दों पर चर्चा हो रही है। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में राज्य वित्तमंत्री, केंद्र शासित राज्यों के वित्तमंत्री और वित्त मंत्रालय के वरिष्ट अधिकारियों ने हिस्सा लिया। 

बैठक के दौरान अहम बदलावों के फैसले में से एक बड़ा फैसला ये है कि अब रजिस्ट्रेशन और ज्यादा आसान होगा। अब तक लोगों को कई तरह के डॉक्यूमेंट देने होते थे लेकिन अब आधार का इस्तेमाल किया जाएगा। आधार की मदद से रजिस्ट्रेशन काफी आसान हो जाएगा।

इस बैठक में जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर कम करने के फैसले को टाल दिया गया है। जीएसटी काउंसिल ने ई-व्हीकल्स पर जीएसटी कटौती के फैसले को पुनर्विचार के लिए फिटमेंट कमेटी को वपस भेज दिया है। इस संबंध में बैटरी से चलने वाले कार व स्कूटर पर जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया था।

जीएसटी काउंसिल ने एंटी प्रॉफिटियरिंग बॉडी का कार्यकाल 2 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। जीएसटी कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करेगी एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी।

इसके साथ ही बैठक में 2 महीने तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरने पर ई-वे बिल जेनरेट करने पर पाबंदी लगाए जाने के फैसले को लागू करने की तारीख टाल दी गई है। पहले इस फैसले को 21 जून से लागू किया जाना था, जिसे अब 21 अगस्त से लागू किया जाएगा। 

ये जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक है और मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद पहली बैठक है। बैठक की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउसिंल ने देश में बेहतर तरीके से काम किया है।
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