पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस से हो रही मौतों और लू लगने से लोगों की जान जाने पर सरकार द्वारा समुचित इंतजाम नहीं किए जाने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। राजद द्वारा यह विरोध 24 जून को किया जाएगा। राजद नेताओं की एक टीम अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल भी ली है।अस्पताल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एईएस से अभी तक कुल 100 बच्चों की मौत हुई है। एसकेएमसीएच अस्पताल में 83 और केजरीवाल अस्पताल में 17 बच्चों की जान गई है। इस तरह से कुल 100 बच्चे इस गंभीर बिमारी से दम तोड़ चुके हैं। इसके साथ लू लगने से तकरीबन 40 लोगों की मौत हो चुकी है। 
बिहार के मुख्यमंत्री ने बच्चों की मौत पर गहरी संवेदना जताने के साथ-साथ चार लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी अस्पताल का दौरा किया और लोगों को उचित इलाज का भरोसा दिया।  लेकिन, सवाल इस बात का नहीं है कि सरकार की तरफ से एहतियात नहीं बरती जा रही है या अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही है।
सवाल यह है कि पिछले दस साल से यह हर साल हो रहा है। जिसमें अभी तक सैकड़ों मासूम दम तोड़ चुके हैं, तो सरकार के पास क्या इस बात का आंकड़ा नहीं है कि गर्मियों में किस तरह की बीमारियां पैदा होती हैं और उनसे निपटने के लिए किस तरह का प्रबंध किया जाना चाहिए। अगर यह पहली बार हुआ होता, तो समझ में आता कि सरकार की तैयारी नहीं थी और दुर्भाग्य से यह घटित हो गया। जब यह बीमारी दस साल पहले ही दस्तक दी थी, तो सरकार की जिम्मेदारी थी कि इलाज के लिए उचित प्रबंध करे। 
अब विपक्ष सरकार की इस नाकामयाबी पर सड़कों पर उतरेगा और सरकार की असफलताओं को प्रचारित करेगा। लेकिन विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस समय हार से उबर नहीं पाए हैं और चुनाव के नतीजे के बाद से वो मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। यहां तक कि उनके बारे में कोई जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि वो कहां पर हैं? 
उधर, जदयू की तरफ से तेजस्वी यादव पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वो अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा नहीं कर रहे हैं, तो उनको काकनू के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने एक बयान जारी करके कहा है कि तेजस्वी की मां की उम्र काफी हो चुकी है और उनके पिताजी जेल में हैं और चुनाव के बाद से तेजस्वी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मां-बाप की सेवा न करने के आरोप में तेजस्वी यादव को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। 
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल को एक भी सीट नहीं मिली है। वहीं भाजपा और जदयू को बिहार में बड़ी सफलता हासिल हुई है। तेजस्वी यादव से राजद के नेता काफी खफा हैं। उनके ऊपर आरोप है कि चुनावों के दौरान राजद के वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया, जिसका नतीजा अच्छा नहीं रहा। यहां तक महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को भी महज एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा।  
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