नई दिल्ली। बलिया के बैरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। सुरेंद्र सिंह को इस बात से परवाह नहीं रहती है कि उनके इस तरह के बोल से बीजेपी को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। विवादित बयानों की कड़ी में उन्होंने एक बार फिर मुस्लिम आबादी पर बयान दिया है। 

सुरेंद्र सिंह का कहना है कि मुस्लिम धर्म में आप जानते हैं कि एक शख्स 50 पत्नियों को रखता है और एक हजार से ज्यादा बच्चे पैदा करता है। यह परंपरा नहीं है बल्कि जानवरों जैसी प्रवृत्ति है। आज जब देश के सामने जनसंख्या एक बड़ी चुनौती के रूप में है तो मुस्लिम समाज को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। 


अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी के इन बेलगान नेताओं पर पीएम नरेंद्र मोदी की अपील का असर नहीं हो रहा है। आखिर बीजेपी के नेता इस तरह के बयान क्यों देते हैं। हाल ही में जनसंख्या नियंत्रण के तरीको को लेकर बहस छिड़ी हुई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि देश की समस्या के पीछे असली वजह है बढ़ती हुई जनसंख्या है और उस पर सख्ती से नियंत्रण की जरूरत है। बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज ने जनसंख्या के बहाने मुस्लिम समाज पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि अब समय की मांग है कि मुस्लिम समाज को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और इसके साथ ही सरकार से इस विषय में कड़ा कानून बनाने की मांग की थी। 

विवादित बयान देने वाले नेताओं की कड़ी में सुरेंद्र सिंह अकेले नेता नहीं है। हाल ही टप्पल में हुए कांड के बाद योगी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा था कि ज्यादातर मामले ऐसे सामने आते हैं जिसमें लड़कियां लिव इन में रहती हैं और समय गुजरने के बाद बोलती हैं कि उनके साथ दुराचार हुआ है। 

जानकारों का इस विषय पर कहना है कि विवादित बयानों के लिए कोई एक पार्टी जिम्मेदार नहीं है। इस तरह के बयान दूसरे दलों के नेता भी देते रहते हैं। दरअसल इस तरह के माननीय सुर्खियों में बने रहने के लिए ही इस तरह का बयान देते हैं। सरकार की तरफ से शीर्ष नेताओं की तरफ इस तरह के बयान से परहेज करते हैं। लिहाजा कुछ समय के लिए इस तरह के बयानों ने सिर्फ राजनीतिक दलों को मसाला मिलता है। लेकिन बड़े पैमाने पर समाज को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है।
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