देहरादून उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। बारिश से कहीं आफत तो कहीं राहत है। मैदानी क्षेत्रों में बारिश ने उमस से राहत दी तो पहाड़ में भूस्खलन का खतरा बढ़ा हुआ है। शुक्रवार को बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे तड़के खोल दिया गया। लेकिन कुछ देर बाद मलबा आने से हाईवे फिर बंद हो गया। रास्ते में दोनों तरफ करीब 1500 यात्री फंसे हैं। एक बस भी मलबे में फंस गई है। 

यमुनोत्री हाईवे पर भी डबरकोट में देर रात मलबा आ गया। जिससे हाईवे बंद हो गया। हाईवे को सुबह नौ बजे तक खाेलने का प्रयास किया गया। इसके बाद वहां से मलबा हाटाया गया। रास्ते में पत्थर गिरने के कारण सुरक्षा व्यवस्था के तहत स्यानाचट्टी व ओजरी मे वाहनो को रोक लिया गया था। हाईवे खुलने के बाद वहां वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। 

वहीं, प्रदेश के पांच जिलों में आज भी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार जिले में बारिश होने का अनुमान है।

प्रदेश के अन्य इलाकों में भी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राजधानी दून के ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रह सकते हैं। कुछ इलाकों में चमक और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। 

टनकपुर में श्यामलाताल-पोथ मार्ग चार दिन से बंद
बारिश का कहर सबसे अधिक सड़क पर टूट रहा है। टनकपुर में निर्माणाधीन श्यामलाताल-पोथ मार्ग चार दिन से बंद है। नैनीताल जिले में बानना, भल्यूटी, देवीपुरा-सौड़ और अमेल-खोला मोटर मार्ग बंद हैं।

मुनस्यारी में सेरा के पासपेड़ गिरने से मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क पर साढ़े ग्यारह बजे तक बंद रही। उधर, बारिश के दौरान गणाईगंगोली के घोड़ासिला में नाले की चपेट में आने से घोड़ासिला की बसंती देवी (75) की मौत हो गई।

कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पांगला के पास मलबा आने से बृहस्पतिवार रातभर बंद रही। सुबह साढ़े नौ बजे मलबा हटाया जा सका। कंज्योति-नारायण आश्रम सड़क भी सुनपाल में मलबा आने से बृहस्पतिवार रातबर बंद रही। यहां सुबह करीब 10 बजे मलबा हटाया जा सका।

बागेश्वर में जिले में पोथिंग-शोभाकुंड सड़क आठ दिन, कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-कर्मी-तोली चार-चार दिन, विजयपुर-ढ़पटी-झाकरा, लाथी-कर्मी-तोली-चेताबगड़ और पुल बाजार गांसी-कर्मी सड़क शुक्रवार को बंद हो गईं।
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