नई दिल्ली I वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अब ये देश पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जमाने का नहीं रहा है, जब जनता को अगर एक रुपया भेजा जाता था तो मात्र 16 पैसे जरूरतमंदों तक पहुंचते थे, अब जितना पैसा सरकार यहां से भेजती है पूरा वहां पहुंचता है.  

निर्मला सीतारमण इंडिया टुडे के बजट राउंडटेबल कार्यक्रम में शिरकत कर रही थीं. देश के जाने-माने उद्योगपतियों और अर्थशास्त्रियों की मौजूदगी में इस कार्यक्रम में बजट 2019 के हर पहलू पर चर्चा हुई. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तकनीक का इस्तेमाल कर कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पैसे की बचत की है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने वास्तविक जरूरतमंद के अधिकारों को बिना चोट पहुंचाएं बोगस कार्ड होल्डरों का खात्मा कर दिया और सरकारी खजाने में बचत की. उन्होंने कहा कि हर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का पैसा लाभार्थी के खाते में पहुंचता है.
निर्मला सीतारमण ने कहा, "डीबीटी का पैसा जीवित जरूरतमंद तक, जिसका की सरकारी दस्तावेजों में नाम है, उस तक पहुंचता है, ऐसा नहीं कि जो जिंदा है नहीं उसके नाम पर पैसा जा रहा है, उसका नाम रिकॉर्ड में है, और पैसा कोई दूसरा उठा रहा है. "

निर्मला सीतारमण ने कहा कि वो प्रोपगैंडा के लिए नहीं कह रहीं बल्कि तथ्य बयान कर रही हैं कि तकनीक का इस्तेमाल कर योजनाओं का कार्यान्वयन इतने अच्छे तरीके से पहले कभी नहीं हुआ था. राजीव गांधी का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम निश्चित रूप में उस हालत में नहीं हैं जैसा कि राजीव गांधी कहा करते थे, कि हर एक रुपया जो मैं खर्च करता हूं सिर्फ 16 पैसा ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाता है, नहीं, आज मैं कह सकती हूं कि हर रुपया जो खर्च किया जाता है जिसे अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए था वो पहुंच रहा है, हां इसमें अभी और सुधार की गुंजाइश है."  
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