नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश को संबोधित कर सकते हैं और ऐसी संभावना है कि वह अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में तब्दील करने के फैसले पर बात करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अंतिम बार देश को लोकसभा चुनाव से पहले 27 मार्च को सैटेलाइट रोधी मिसाइल द्वारा एक जीवित सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता की घोषणा करते हुए राष्ट्र को संबोधित किया था।
मंगलवार को संसद ने संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित क्षेत्र बनाने वाला विधेयक भी पारित हो गया। प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के उनके औपचारिक संबोधन में कुछ ही दिन बचे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की। संसद के दोनों सदन में इससे संबंधित संकल्प पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे... सिवाय खंड 1 के।'
इसमें यह भी कहा गया है कि संविधान के समय समय पर संशोधित सभी उपबंध बिना किसी संशोधन और अपवाद के, जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू होंगे। यह तब भी लागू होंगे, चाहे अनुच्छेद 152 अथवा अनुच्छेद 308 में निहित किसी अपवाद अथवा इस संविधान के किसी अन्य अनुच्छेद अथवा जम्मू कश्मीर संविधान के किसी अन्य उपबंध अथवा कोई कानून, दस्तावेज, निर्णय, अध्यादेश, आदेश, उप नियम, नियम, विनियम, अधिसूचना, रीति रिवाज अथवा भारत के भूभाग में कानून प्रवर्तन अथवा कोई अन्य लिखित संधि या समझौता जैसे अनुच्छेद 363 के अंतर्गत परिकल्पित हो अन्यथा न हो।
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