बेंगलुरू। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार एक बार फिर चुनाव जीत कर सत्ता में काबिज हो गई है। दिल्लीवालों के वोट मुफ्त पानी, बिजली और बस सेवा के जरिए अपने पक्ष में करने वाली केजरीवाल सरकार कैसे चलाएगी यह यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों के दिल्ली में राजकोषीय घाटा 55 गुना बढ़ गया है। वर्ष 2019-20 में पेश किए गए दिल्ली बजट में 5,902 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5,213 करोड़ रुपए अधिक है।
वर्ष 2015 में मुफ्त योजनाओं के लालच दिखाकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी का रिकॉर्ड योजनाओं को पूरा करने को लेकर भी बेहद खराब रहे हैं। इतिहास गवाह हैं कि केजरीवाल वर्ष 2015 के मेनिफिस्टों में दिल्ली की जनता से किए गए 70 वादों में से 67 भी 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव तक पूरे नहीं हो सके हैं। 

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