एक ओर जहां नागरिकता संशोधन कानून पर दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़प जारी है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के एक पार्षद ने हिंसक भीड़ के चंगुल से एक मुस्लिम परिवार और उसके घर को बचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है। हिंसा के बीच दिल्ली के यमुना विहार से भाजपा के वार्ड पार्षद प्रमोद गुप्ता मुस्लिम शख्स शाहिद सिद्दीकी के परिवार की मदद के लिए आगे आए और लगभग 150 लोगों की हिंसक भीड़ से उनके घर को आग के हवाले होने से बचाया। बता दें कि सीएए को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
शाहिद सिद्दीकी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बीती रात की घटना को लेकर कहा कि भीड़ ने अचानक नारे लगाते हुए पड़ोस की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। भीड़ ने उस ओर से प्रवेश किया जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग नहीं कर रखा था और वह रास्ता जो मुस्लिम बहुल इलाके की ओर जाता था। सिद्दिकी ने कहा कि यह घटना करीब 11.30 बजे की है। सिद्दीकी ने कहा कि भीड़ ने पहले उनके घर के नीचे एक बुटीक जलाया, जो उनके किराएदार का था। उसके बाद उनके परिवार की एक कार और मोटरबाइक को भी भीड़ ने जला दिया।
शाहिद सिद्दीकी ने कहा, 'भीड़ ने हमारे गैराज से हमारी कार और एक मोटरसाइकिल निकाली और उसमें आग लगा दी। उन्होंने मेरे किराएदार के बुटीक को भी नुकसान पहुंचाया, जिससे कम से कम 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ।'
हालांकि, इसके तुरंत बाद भाजपा के पार्षद प्रमोद गुप्ता जो कि सिद्दीकी के लंबे समय से दोस्त हैं, परिवार के बचाव में आए और भीड़ को उन्हें या उनकी संपत्ति को और ज्यादा नुकसान पहुंचाने से रोका। हिंसक भीड़ से सिद्दीकी अपने परिवार के साथ मुश्किल से बच पाए, जिसमें दो महीने का एक बच्चा भी था। सिद्दीकी ने कहा कि जैसे ही हमें किसी अनहोनी का एहसास हुआ, तुरंत अपने परिवार के साथ भागे। बाद में पता चला कि यह भाजपा के वार्ड पार्षद प्रमोद गुप्ता थे, जिन्होंने भीड़ को हमारे घर को आग लगाने से रोका।
गौरतलब है कि सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले और समर्थन करने वाले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में आपस में भिड़ गए, जिसकी वजह से हिंसा हुई और इसमें करीब 7 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए। सोमवार की हिंसा में करीब दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया।
क्या हुआ था रविवार को
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

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