भारतीय क्रिकेट टीम साल 2020 के पहले विदेशी दौरे पर न्यूज़ीलैंड पहुंची हुई है. T20 सीरीज़ में 5-0 की जीत दर्ज कर चुकी टीम इंडिया वनडे सीरीज़ में उन्नीस साबित हो रही है. तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में लगातार दूसरा मैच हारकर इंडियन टीम ने सीरीज़ भी गंवा दी है. 11 फरवरी को खेला जाने वाला तीसरा मुकाबला औपचारिकता मात्र रह गया है.
दूसरे वनडे में इंडिया ने टॉस जीता और पहले बैटिंग का न्यौता दिया न्यूज़ीलैंड को. कीवी टीम की बल्लेबाजी का पहला और अंतिम हिस्सा काफी शानदार रहा. लेकिन बीच के ओवर्स में न्यूज़ीलैंड ने जल्दी-जल्दी विकेट गंवाए. मार्टिन गप्टिल और हेनरी निकोल्स ने पहले विकेट के लिए 93 रन जोड़े. न्यूज़ीलैंड का दूसरा विकेट 142 के स्कोर पर गिरा. इसके बाद रेगुलर इंटरवल पर विकेट गिरे. अगले 55 रन बनाने में कीवी टीम ने छह विकेट गंवा दिए थे.
41.3 ओवर. 8 विकेट के नुकसान पर 197 रन. यहां लग रहा था कि कीवी टीम पूरे 50 ओवर तक बैटिंक कर भी पाएगी या नहीं. लेकिन न्यूज़ीलैंड ने पूरे 50 ओवर तक बैटिंग की और इसके बाद कोई विकेट भी नहीं खोया. अनुभवी रॉस टेलर ने डेब्यू कर रहे काइल जेमिशन के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए नाबाद 76 रन जोड़ दिए. वो भी केवल 51 गेंदों में. यही साझेदारी पूरे मैच में फर्क ला गई. न्यूज़ीलैंड की तरफ से गप्टिल ने सबसे अधिक 79 रनों की पारी खेली. दूसरे नंबर पर रॉस टेलर रहे. उन्होंने नाबाद 73 रन बनाए.
#इंडिया की कमजोर शुरुआत
274 के लक्ष्य को भेदने उतरी इंडियन टीम की शुरुआत बेहद खराब रही. कीवी गेंदबाजों ने मजबूत कही जाने वाली इंडियन बैटिंग के पत्ते खोलकर रख दिए. पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल की जोड़ी 34 के स्कोर पर पवेलियन में आराम फरमा रही थी. कप्तान कोहली 15 रन बनाकर चलते बने. KL राहुल कोलिन डि ग्रांडहोम की गेंद को कट करने की कोशिश करने में बोल्ड हो गए. केदार जाधव बेहद खराब शॉट खेलकर आउट हुए.
इन सब नाकामियों के बीच श्रेयस अय्यर ने उम्मीद जगाए रखी. लेकिन पचासा लगाने के तुरंत बाद श्रेयस विकेट के पीछे कैच थमाकर चलते बने. श्रेयस अय्यर के आउट होने के बाद शार्दुल ठाकुर ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए. उसके बाद जडेजा ने नवदीप सैनी के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 76 रनों की पार्टनरशिप की. लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों की सारी कोशिशें 22 रन पहले हार मान गईं.

#इन मोर्चों पर कमजोर रही इंडियन टीम

– इंडियन बोलर्स ने बीच के ओवरों में विकेट लिए लेकिन इसका फायदा टीम इंडिया नहीं उठा पाई. जहां एक समय न्यूज़ीलैंड की टीम के 50 ओवर खेलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी. फिर भी न्यूज़ीलैंड ने पूरे 50 ओवर खेलकर 273 का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया. वनडे में डेब्यू कर रहे काइल जेमिशन ने नाबाद 25 रन बनाए.
– पूरे न्यूज़ीलैंड टूर में कुछ मौकों को छोड़ दें तो भारतीय टीम की फील्डिंग का स्तर काफी नीचे दिख रहा है. दूसरे वनडे में भी खराब फील्डिंग का सिलसिला कायम रहा. सही छोर पर थ्रो नहीं पहुंचे. लचर फील्डिंग से कप्तान कोहली भी परेशान दिखे.
– दूसरे वनडे में मोहम्मद शामी और मनीष पांडे जैसे खिलाड़ी बेंच पर बैठे थे. दोनों प्लेयर्स ने T20 सीरीज़ में अपना दमखम साबित किया था. इसके बावजूद वनडे सीरीज़ में उनको जगह नहीं मिल पा रही है. कमेंट्री के दौरान हरभजन सिंह ने भी टीम सेलेक्शन पर सवाल उठाए.
– कीवी टीम अपने रेगुलर खिलाड़ियों की खराब फिटनेस से परेशान है. केन विलियमसन, लॉकी फर्ग्युसन, ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी जैसे दिग्गज खिलाड़ी वनडे टीम से बाहर हैं. इसके बावजूद टीम ने अपनी परफॉरमेंस पर आंच नहीं आने दी है. इंडियन टीम में रोहित शर्मा और शिखर धवन की ओपनिंग जोड़ी की कमी साफ-साफ दिख रही है.
टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ छह साल के बाद कोई वनडे सीरीज़ हारी है. इससे पहले 2014 में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 4-0 के अंतर से हराया था. वनडे सीरीज़ का तीसरा और अंतिम मुकाबला माउंट 11 फरवरी को माउंट माउनगनुई में खेला जाएगा. इंडियन टीम के पास सम्मान बचाने का आखिरी मौका होगा.

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