परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्हें मलाल है कि शहीद के नाम पर जो वादे किए गए थे, उनमें से कुछ वादे कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं.
शहीद के नाम पर जो वादे थे वे आज तक अधूरे
तहसील जवाली के तिलक राज हुए थे शहीद
पिछले साल 14 फरवरी 2019 को जम्‍मू कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए तिलक राज के परिवार से किए सरकार के वादे अभी तक अधूरे हैं. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्हें मलाल है कि शहीद के नाम पर जो वादे किए गए थे, उनमें से कुछ वादे कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं.
शहीद की पत्नी सावित्री देवी ने कहा कि सरकार ने मुझे नौकरी तो दे दी, लेकिन शहीद के नाम पर जो वादे थे वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं.
सरकार से श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते को पक्का कराने की मांग की गई थी. शहीद तिलक राज के नाम का एक गेट, मूर्ति लगाने का वादा किया गया था, लेकिन उसको भी सरकार पूरा करना भूल गई है.
पुलवामा में हुए आतंकी हमले में तहसील जवाली के गांव धेवा के तिलक राज शहीद हो गए थे. मौत से करीब छह घंटे पहले ही तिलक राज ने अपनी पत्‍नी को फोन किया था और कहा कि तुम दोनों बच्चों और माता-पिता का ख्याल रखना, मैं श्रीनगर जा रहा हूं.
शहीद तिलक के पिता लायक राम का कहना है कि सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किये एक साल होने को आया है और सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर रही, हमारी मांग है कि सरकार अपने वादों को पूरा करे.

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