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              राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के एनएचएम संघर्ष समिति 2016 बैनर तले वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार को नर्सेजकर्मियों ने पेन डाउन कार्य बहिष्कार काली पट्टी बांधकर किया। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी हॉस्पिटल के इमरजेंसी के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। वहीं उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगे जल्द पूरी नहीं होती है तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा। प्रदेशव्यापी आह्वान पर एनएचएम 2016 संघर्ष समिति भीलवाड़ा के जिला संयोजक व महिला प्रमुख के नेतृत्व में संविदा नर्सेज भीलवाड़ा ने अपनी मांगो को लेकर पैनडाउन कार्य बहिष्कार किया।
संघर्ष समिति के सदस्य अजरुद्दीन मंसूरी ने कहा कि संविदा नर्सेज का मानदेय बढ़ाने के लिए यूटीबी नर्सेज वेतन 26 हजार 5 सौ रुपये प्रतिमाह के बराबर किया जावे। अभी हमें 7 हजार 9 सौ रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं और इससे हमारा परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। इसको लेकर हमने कई बार मुख्यमंत्री, चिकित्सामंत्री के नाम कलेक्टर को और विधायक को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन आज तक हमारी मांगे पूरी नहीं हुई। इसके कारण आज हमने पेन डाउन कार्य बहिष्कार किया है।
वहीं महिला प्रमुख ने बताया कि एनएचएम 2016 के संविदा नर्सेज का वेतन बहुत ही अल्प 6952 रुपये है जो कि ऊंट के मुँह में जीरा जैसा प्रतीत हो रहा है क्योंकि इतने से वेतन में नर्सिंग कर्मी अपना और परिवार का खर्च भी नहीं चला पा रहे है। जबकि  यूटीबी में लगे संविदा नर्सेज का वेतन 26500 प्रति माह है, पूरे राज्य में एक ही डिग्री और एक ही पद और एक ही समान जॉब होने के बावजूद वेतन में इतना फर्क क्यों है ये हमारे साथ नाइंसाफी है, समस्त एनएचएम नर्सिंग कर्मियों का वेतन भी सरकार द्वारा 26500 प्रति माह किया जाये ताकि सभी एनएचएम संविदा कर्मी भी अपने आप को ठगा सा महसूस ना करें ! जिला संयोजक ने बताया कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होंगी पैनडाउन कार्य बहिष्कार चलता रहेगा।

रिपोर्ट धीरज माथुर
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