लखनऊ: एक महीने में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परीक्षा होने जा रही है. 23 मार्च को होने वाली इस परीक्षा में, भले ही राज्यसभा की चुनावी लड़ाई में मैदान में भाजपा के नौवें प्रत्याशी मैदान में होंगे, लेकिन इसका दारोमदार योगी पर ही होगा और कसौटी पर उन्हें ही कसा जायेगा. प्रदेश की खाली हो रही 10 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को मतदान होना है. आठ सीट भाजपा और एक सीट सपा के खाते में आना तय है.  लेकिन दसवीं सीट पर लड़ाई ने इसे दिलचस्प बना दिया है. यह चुनाव जहां विपक्षी एकता का भविष्य तय करेगा वहीं भाजपा की बेहतरीन रणनीति की परीक्षा होगी. हालांकि सरकार की सहयोगी ओपी राजभर की पार्टी के समर्थन मिलने से भाजपा की मुश्किलें थोड़ी कम जरूर हुई हैं. यू के दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव के बाद अब शुक्रवार यानी 23  मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा की परीक्षा होने जा रही है. विधानसभा के तिलक हाॅल में सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे के बीच वोटिंग होगी. मतों की गिनती उसी दिन शाम पांच बजे पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद परिणाम की घोषणा होगी. राज्यसभा के चुनाव में आठ पर भाजपा की और एक पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी जया बच्चन की जीत लगभग तय है. इससे हटकर एक सीट पर भाजपा और बसपा-सपा गठबंधन के बीच कड़े मुकाबले के आसार हैं. एक अंतिम सीट पर भाजपा के दावेदारी पेश करने से मतदान की नौबत आयी है. मतदान में क्रास वोटिंग के प्रबल आसार है, हालांकि व्हिप का उल्लघंन करने वाले सदस्यों को पार्टी अयोग्य ठहरायेगी, लेकिन इसका असर चुनाव में नहीं दिखेगा. राज्यसभा के चुनाव में भाजपा और सपा-बसपा के नेताओं ने अपनी-अपनी रणनीति पर चुप्पी साध रखी है. सपा ने इस सीट के लिए बसपा प्रत्याशी
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