लखनऊ हल्का गोरखपुर:जिन नौनिहालों के हाथों में किताबें होनी चाहिए, आज उनके हाथों में नशे के पदार्थ हैं और यह मामला सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर का है। जहां बिना देखरेख के पलने वाले अनाथ बच्चे जो भीख मांग कर अपना गुजर बसर करते हैं। आज उनकी हालत नशे की वजह से इतनी खराब हो गई है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। ये बच्चे कई सालों से इन्हीं हालातों में हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी ठोस कदम न उठाने पर इनकी हालत बद से बद्तर होती जा रही है।
                                  
                                  
                                    जानकारी के अनुसार गोरखपुर में नशे में डूबे इन मासूम बच्चों के बारे में कई सालों से मीडिया प्रमुखता से खबर दिखाती आ रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों इनकी हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा है। अगर इनकी हरकतों पर अंकुश नहीं लगा तो जरा सोचिए की ये कैसे समाज को खोखला कर देंगें। जब ये मासूम नशा करते हैं तो इन्हें किसी की परवाह नहीं होती और न ही ये किसी की सुनते है।
                                  
                                  
                                    आपको ये सुनकर आश्चर्य होगा की ये मासूम नशे के लिए उन मेडिकल स्टोर्स को भी चुनते हैं जो अपने फायदे के लिए चंद रूपयों की खातिर मासूमों को बिना डॉक्टर की पर्ची के भी दवाईयां उपलब्ध करा देते हैं। अगर सही मायने से देखा जाए तो इन मासूमों से ज्यादा गुनाहगार ये मेडिकल स्टोर वाले हैं जो इनको बिना पर्ची के दवाईयां उपलब्ध कराते हैं।
                                  
                                


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