*प्रदीप कुमार बरनवाल* ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़
रानीगंज : गौरा ब्लाक के फतनपुर प्राइमरी स्कूल में दूषित दूध पीने से अचानक बच्चों की हालत बिगड़ गई। उन्हें अचानक उल्टियां होने लगीं। इन बच्चों को अस्पताल भिजवाने या अभिभावकों को सूचित करने की बजाय अध्यापकों ने छुट्टी कर दी। जिससे 55 बच्चों और भोजनमाता की हालत खराब हो गई। रात तक इनमें से 38 बच्चे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराए जा चुके थे। जबकि दो गंभीर होने के कारण इलाहाबाद के लिए रेफर कर दिए गए थे।
इस घटना की सूचना से जिले से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आइजी रमित शर्मा और डीएम शंभु कुमार समेत पूरा पुलिस प्रशासनिक अमला अस्पताल पहुंच गया। डीएम ने तत्काल दूध व अन्य मिड डे मील की सैंप¨लग के लिए स्कूल टीम भेजी और बीएसए को बुलाकर फौरी कार्रवाई की हिदायत दी। इसके बाद प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षक निलंबित व दो का वेतन रोक दिया गया। साथ ही दो बीईओ की जांच कमेटी भी बनाई गई।
अब कबौ स्कूल कै दूध न पियै दियब

अधिकारियों ने इमरजेंसी से लेकर आइवार्ड तक भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी शंभु कुमार ने सीएमओ और सीएमएस को बुलाकर सख्त हिदायत दी कि किसी तरह की लापरवाही इलाज में होने न पाए। डीएम ने बताया कि जो दो बच्चे इलाहाबाद भेजे गए हैं। उनकी हालत भी ठीक बताई जा रही है। जिला अस्पताल में भर्ती बच्चे भी अब सामान्य हो रहे हैं। जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसमें व्यापक जांच करवाई जाएगी।
विभाग व अभिभावकों की ओर से मुकदमा
दूषित दूध पीकर बच्चों के बीमार होने के मामले में स्पष्ट तौर पर अध्यापकों की लापरवाही पाई जा रही है। ऐसे में अभिभावकों की ओर से तो थाने में स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज ही कराया जायेगा।

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