हरदोई (K5 News)। बाल संप्रेक्षणगृह में शनिवार देर शाम किशोरों के दो गुटों के बीच संग्राम हो गया। खाने की प्लेट को लेकर वर्चस्व की जंग में जमकर मारपीट हुई। जिसमें 18 किशोर घायल हो गए। बवाल काफी बढ़ता उससे पहले पुलिस अधीक्षक समेत भारी फोर्स मौके पर पहुंच गया और स्थिति को नियंत्रण में किया। घायल बाल बंदियों को जिला अस्पताल में पहुंचाया गया। तनाव को देखते हुए फोर्स लगा दी गई है।
 वर्तमान में 89 किशोर बंद 
हरदोई कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रद्धेपुरवा मार्ग पर स्थित बाल संप्रेक्षणगृह में 18 वर्ष से कम आयु के बाल बंदियों को रखा जाता है। इसमें हरदोई समेत सीतापुर और लखीमपुर के भी विभिन्न अपराधिक मामलों में आरोपित बाल बंदी भी रखे जाते हैं। वर्तमान में 89 किशोर बंद हैं। जिसमें से कुछ हत्या, दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों के भी आरोपित शामिल हैं। बताते हैं कि संप्रेक्षण गृह में दो गुट हैं और उनके बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है। शनिवार की देर शाम खाना वितरण हो रहा थाबताते हैं कि वर्चस्व को लेकर अचानक दो गुटों के बीच विवाद शुरू हुआ। पहले हाथापायी हुई और फिर जिसके हाथ में जो मिला उसने उससे मारपीट शुरू कर दी। एक गुट के किशोरों को एक कमरे में बंद कर दिया गया और दूसरा गुट हंगामा करता रहा। बवाल की खबर पुलिस को मिली तो पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और स्थिति को नियंत्रण में लिया। दोनों गुटों को समझाया गया। इस घटना में करीब 18 किशोरों के चोटें आईं। जिन्हें पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया। घायलों के कुछ के ज्यादा चोटें बताई जा रही हैं। 
संप्रेक्षणगृह के लिए कुछ नया नहीं हरदोई के बाल संप्रेक्षणगृह में शनिवार रात हुआ बवाल पहला नहीं था। इससे पूर्व कुछ वर्ष पूर्व तो बाल बंदियों ने संप्रेक्षण गृह पर कब्जा कर पुलिस कर्मियों की रायफल छीन कर उन्हें पीट दिया था। जमकर फायरिंग और हंगामा के बीच जिले के आलाधिकारियों ने अनुनय विनय कर उन्हें शांत किया था। बाल संप्रेक्षण गृह में वैसे तो 18 वर्ष से कम बाल बंदी रखे जाते हैं, लेकिन इसमें भी जुगाड़ के मामले सामने आए थे। संप्रेक्षणगृह में किशोरों का वर्चस्व हमेशा से रहा। कुछ जुगाड़ के बल पर और कुछ दमदारी के बल पर अपना जलबा कायम करते हैं और छूट न मिलने पर हंगामा जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।
छीनीं जा चुकीं सिपाहियों की राइफलें-यहां कुछ वर्ष पूर्व जमकर बवाल हुआ था। जिसमें ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट कर उनकी रायफल तक छीन ली गई थी। पुलिस फोर्स पर किशोरों ने फायरिंग की थी और सभी फरार हो गए थे। काफी मशक्कत के बाद नियंत्रण में आए थे। यही कारण था कि शनिवार की शाम बवाल की सूचना पर हड़कंप मच गया और अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति नियंत्रण में लिया। पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस जांच कर रही है। 
छूट का फायदा उठाकर दिखाते रुतबा-बाल संप्रेक्षण गृह में वैसे तो सुरक्षा कड़े इंतजाम होने चाहिए। लेकिन अधिकांश समय होमगार्ड ही तैनात रहते हैं। किसी को छूट दी जाती है तो कोई अंकुश में रहता है और उसी को लेकर दो गुट बन जाते हैं। पूर्व में हुई घटना को भी गंभीरता से नहीं लिया गया था। वह तो फोर्स समय पर पहुंच गया नहीं तो बड़ा बवाल हो सकता था।
नशे की शिकायत पर किया हमला-जिला अस्पताल में लाए गए घायल किशोरों ने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि चार बड़े आरोपित नशे का भी काम करते हैं और नशा भी मंगाते हैं। उन लोगों ने उनका नशा पकड़वा दिया था। जिसके बाद से वह रंजिश मानने लगे थे और उसी को लेकर घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि वह लोग ज्यादा थे और उसी को लेकर उन्हें मारा पीटा।
डीएम बोले कराई जाएगी जांच-जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक, सीएमओ समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और घायल किशोरों का उपचार कराया गया। डीएम ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पूरे मामले पर नजर है। जांच भी कराई जाएगी।
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