हरदोई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 2 जून के भ्रमण कार्यक्रम को लेकर कार्यालयों का रंग-रोगन और अभिलेखों का रख रखाव भी दुरुस्त होना शुरू हो गया है। सरकारी कार्यालयों की रंगाई-पुताई के साथ ही रसखान प्रेक्षागृह को भी सजाया-संवारा जा रहा है। मुख्यमंत्री का सरकारी कार्यक्रम रसखान प्रेक्षागृह में अभी तक प्रस्तावित है। कार्यक्रम स्थल पर टेंट, पंडाल एवं मुख्यमंत्री की काटेज आदि सभी व्यवस्थाओं के लिए लखनऊ की एक फर्म को जिम्मेदारी सौंपी गई है।       2 जून को मुख्यमंत्री के जिले के भ्रमण कार्यक्रम को लेकर रसखान प्रेक्षागृह परिसर, अंदर-बाहर की साफ-सफाई ही नहीं उसे नहलाया-धुलाया भी जाएगा। चल रही तैयारियों को देखकर लोगों में चर्चा में है कि मुख्यमंत्री के बहाने से ही प्रेक्षागृह के दिन बहुर गए। वैसे तो प्रेक्षागृह की हालत किसी से छिपी नहीं थी। प्रेक्षागृह में सभी व्यवस्थाओं को जुटाने की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग को सौंपी गई है। पंचायत राज विभाग के माध्यम से ही आने वाले खर्च का भुगतान होगा। वहीं मुख्यमंत्री के कार्यालयों के संभावित भ्रमण के ²ष्टिगत विकास भवन स्थिति विभिन्न कार्यालयों की भी रंगाई-पुताई शुरू करा दी गई है।तहसील सदर का भी रंग-रोगन होगा: मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट एवं विकास भवन के बाद तहसील सदर प्रमुख कार्यालयों में माना जाता है। मुख्यमंत्री रहते हुए जिले के भ्रमण आई मायावती ने तहसील सदर का निरीक्षण किया था। ऐसे में अधिकारियों ने तहसील में भी रंग-रोगन कराना शुरू करा दिया है। माना जा रहा है कि जिले के किसी गांव के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री तहसील सदर भी आने का मन बना सकते हैं।
ग्राम स्वराज अभियान के गांवों को चकाचक करने की तैयारी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्राम स्वराज अभियान में चयनित 268 गांवों में रात्रि चौपाल के संबंध में फीड बैक लेने के लिए ही आ रहे हैं। उन्हीं गांवों के प्रधानों को रसखान प्रेक्षागृह में मुख्यमंत्री से संवाद के लिए बुलावा भी भेजा जा रहा है। वहीं माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भ्रमण के दौरान किसी गांव की ओर रुख न कर दें, ऐसे में ग्राम स्वराज अभियान में चयनित सभी गांवों को योजनाओं-कार्यक्रमों के साथ ही साफ-सफाई और अन्य सभी मदों में चकाचक करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी जुट गए हैं। ताकि मुख्यमंत्री के गांव में पहुंचने पर कहीं कोई खामी न रह जाए। खास बात ये है कि अभी मुख्यमंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम न आने एवं भ्रमण के दौरान गांव जाने की स्थिति स्पष्ट न होने से सभी गांवों पर अधिकारी ध्यान दे रहे हैं।

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