लखनऊ (K5 News)। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले गुरुवार को लखनऊ में छह विभिन्न बैंकों की शाखाओं के सामने बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों ने प्रदर्शन किया। आगामी 30 व 31 मई को अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों में होने वाली हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने इंडियन बैंक एसोसिएशन (आइबीए) द्वारा बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन में दो प्रतिशत की वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया।  अलीगंज स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बाहर हुए प्रदर्शन व सभा को नेशनल कंफ्रेडेशन ऑफ बैंक इम्प्लाई (एनसीबीई) के प्रदेश महामंत्री व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टॉफ एसोसिएशन के केके सिंह ने संबोधित किया। कहा कि विगत नवंबर 2017 में देय वेतन पुनरीक्षण के लिए मई 2017 में चार्टर ऑफ डिमांड प्रस्तुत किया गया था लेकिन, अभी तक वेतन पुनरीक्षण के काम में कोई प्रगति नहीं हुई। बड़े ऋणों की स्वीकृत एवं देखरेख के अभाव में एनपीए होने के कारण लाभ के एक बड़े भाग को रिजर्व फंड में ट्रांसफर कर बैंकों को घाटे में दिखाया जा रहा है। सिर्फ दो प्रतिशत की वेतन वृद्धि हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि दो दिन की अखिल भारतीय स्तर की बैंक हड़ताल को हम सब एकजुट होकर सफल बनाएंगे। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन के वरिष्ठ कर्मचारी नेता एसडी मिश्रा ने कहा कि कुप्रबंधन के कारण ही बैंकों में एक के बाद एक घोटाला सामने आ रहे हैं। इसकी दुहाई देकर जिस तरह आइबीए ने सिर्फ दो प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखा है वह बेहद शर्मनाक है। इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाएंगे। इसके अलावा जिन पांच बैंक शाखाओं के बाहर गुरुवार को प्रदर्शन किया गया उनमें हजरतगंज स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आलमबाग स्थित केनरा बैंक, इंदिरानगर स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक, चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया और गोमतीनगर में केनरा बैंक के सर्किल ऑफिस के सामने प्रदर्शन व सभा की गई। इसमें राकेश पांडेय, अनुपम कुमार व राजेश शुक्ला सहित बैंक कर्मचारी यूनियन के नेता व कर्मचारी मौजूद रहे।
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