Report - Kunal Srivastava
शिवपुरी जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में बड़े पैमाने पर दूध माफियाओं द्बारा बड़े ही बेखौफ अंदाज में सफेद दूध के काले कारोबार को अंजाम देते हुए नागरिकों की जान से आपराधिक अंदाज में खिलवाड़ किया जा रहा है और सम्बन्धित अमला सैम्पल लेकर अपनी जेब भराई में जुटा दिखाई दे रहा है।शिवपुरी शहर में ही अगर देखा जाए तो यहां प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल दूध की खपत हो रही है जबकि इतने दुधारू जानवरों पूरे जिले सहित आसपास के आंचल में भी मौजूद नही है।माधव चौक,नीलगर चौराहा,लुहारपुरा पुलिया,अस्पताल चौराहा,झाँसी तिराहा सहित अन्य कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर नकली दूध व इससे बनी मिठाइयों को बेचकर बारे न्यारे किये जाने का खेल खेला जा रहा है।यह स्थिति उस समय है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देशित किया है कि वह सफेद दूध के काले कारोबार को करने बाले लोगों को किसी भी सूरत में न छोड़े उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें।मुख्यमंत्री के इन निर्देशों के बाबजूद शिवपुरी जिला प्रशासन आज भी हाथ पर हाथ रखे बैठा है और दूध माफिया अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।
*इन स्थानों पर हैं सफेद दूध के काले कारोबार के अड्डे*
शिवपुरी में सफेद दूध का काला कारोबार पिछले लंबे समय से चलता आ रहा है।शहर के पुरानी शिवपुरी नीलगर चौराहा,लुहातपुरा पुलिया क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दूध के नाम पर नकली बाडा किया जा रहा है।इस क्षेत्र में दूध के 3 दुकानदार ऐसे भी है जिनसे अगर 2 घंटे के भीतर 50 क्विंटल दूध भी माँगा जाए तो यह मना करने बाले नही है और समय से पहले यह दुकानदार दूध उपलव्ध भी करा देते है।जबकि शहर के ह्र्दयस्थल क्षेत्र में मिष्ठान विक्रेताओं द्बारा नकली दूध से बनी मिठाइयों को बाजार में खपाया जा रहा है।इस क्षेत्र में संचालित एक मिठाई विक्रेता पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की चरण बन्दना करते हुए अपनी दुकान पिछले लंबे समय से चमका रहा है।जबकि हकीकत यह है कि इस मिष्ठान विक्रेता व इसके समीप एक अन्य मिष्ठान की दुकानों के गोदाम भी नाले के समीप नियम विरुद्धढंग से संचालित किए जा रहे है।इन गोदामों पर अगर प्रशासनिक दल छापामारी करे तो यहां बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आयें तो आश्चर्य न होगा।
*डेरी संचालक ने सुनाई खाद्य विभाग की हकीकत*
शिवपुरी में बड़े पैमाने पर चल रहे दूध के नकलीबाड़े पर एक डेयरी संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके द्वारा दूध के नकली कारोबार को खाद्य विभाग की मिलीभगत के चलते ही अंजाम दिया जाता है।इस डेरी संचालक ने बताया कि खाद विभाग के अधिकारी सैंपलिंग के नाम पर सिर्फ और सिर्फ वसूली करने के लिए आते हैं।इसने बताया कि अगर सैंपल लेने के लिए आने वाले अधिकारियों को उनकी मांग के अनुसार रुपया दे दिया जाए तो वह यूरिया युक्त दूध को भी अनदेखा कर बापिस चले जाते हैं अन्यथा की स्थिति में वह 100% शुद्ध दूध के सैंपल को भी फेल कराने से नही चूकते।इस डेयरी संचालक ने यह भी बताया कि डेरियों से दूध के सैम्पल लेने के बाद इन्हें बाद में बदलने का खेल भी यहां जमकर खेल जाता है।

Post A Comment:

0 comments: