इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी को उस उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की। कॉलेजियम का फैसला न्यायमूर्ति चतुर्वेदी के पदोन्नति को स्थगित करने के पांच महीने बाद आया, जिसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाले गए कॉलेजियम के प्रस्ताव में इसकी कोई वजह बताई नहीं गई है। बयान में कहा गया है, “12 फरवरी, 2020 को हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”
न्यायमूर्ति चतुर्वेदी पिछले सप्ताह सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद को यूपी के शाहजहांपुर में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में जमानत दी थी। न्यायाधीश ने शिकायतकर्ता के आचरण को “हैरान करने वाला” बताया था और कहा था कि उसने “फिरौती के लिए आरोपी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की।”
उन्होंने अपने आदेश में कहा “एक लड़की, जिसका कौमार्य दांव पर है, अपने ही माता-पिता या कथित घटना के संबंध में न्यायालय के समक्ष एक भी शब्द नहीं बोल रही है, यह आश्चर्यजनक आचरण है जो अभियोजन की कहानी की सरलता के बारे में बोलती है।”
जस्टिस चतुर्वेदी को सितंबर 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने नौ अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त करने के मद्रास उच्च न्यायालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने बुधवार को न्यायमूर्ति पी टी आशा, न्यायमूर्ति एम निर्मल कुमार, न्यायमूर्ति सुब्रमणनियम प्रसाद, न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश, न्यायमूर्ति जी के इलांतीरैयन, न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी, न्यायमूर्ति सी सरवनन, न्यायमूर्ति बी पुगलेन्डी और न्यायमूर्ति संतिलकुमार राममूर्ति को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इसके अलावा, कॉलेजियम ने न्यायिक अधिकारी आई जसवंतराय वोरा, गीता गोपी, डा अशोककुमार सी जोशी और राजेन्द्र एम सरीन को पदोन्नति देकर गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है।
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