नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक वैकल्पिक रास्ते को खोल दिया है.

  • वैकल्पिक रास्ता खोलने से स्थानीय लोगों को मिलेगी सहूलियत
  • इस रास्ते से कार-बाइक ही जा सकते हैं नोएडा-फरीदाबाद
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने करीब 70 दिन बाद नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक वैकल्पिक रास्ते को खोल दिया है. इस रास्ते से सिर्फ छोटी गाड़ियां, कार और बाइक ही जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि यह रास्ता बेहद सकरा है.
यह रास्ता होली फैमिली, जामिया, बटला हाउस और अबुल फजल होते हुए नोएडा और फरीदाबाद जाता है. यह रास्ता आगे जाकर नोएडा की तरफ तो बढ़िया है, लेकिन फरीदाबाद की तरफ जाने वाला रास्ता बेहद संकरा है. प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ एक तरफ का रास्ता खोला है. हालांकि वापस जाने वाले रास्ते पर अब भी बैरिकेड लगे हैं.
इसकी वजह यह है कि उस पर कोई कट नहीं है और आगे वापसी के रास्ते पर ही प्रोटेस्ट हो रहा है. इसके खुलने से जाम से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो बैरीकेड महामाया फ्लाई ओवर पर लगाया गया, उसे खोलना तब तक संभव नहीं है, जब तक कि प्रोटेस्ट का एक साइड का रोड नहीं खुल जाता है, क्योंकि इस रोड पर बेहद हैवी ट्रैफिक है.
DCP South East: A little earlier today, Road No. 9 was reopened by a group of protestors, but later it was closed by another group. Again, a group of protestors have reopened a small stretch, however, still there's no clarity if all protestors have consent on this. https://twitter.com/ANI/status/1231189127120310273 
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इस तरह प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग वाले मुख्य रास्ते को नहीं खोला है. सिर्फ एक वैकल्पिक रास्ते को खोला गया है. प्रदर्शनकारियों द्वारा इस रास्ते को खोलने से स्थानीय लोगों को सहूलियत होगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों से बातचीत के बाद अबुल फजल वाले रास्ते को खोलने का फैसला लिया गया है.
साउथ ईस्ट के मुताबिक आज सुबह रोड नंबर 9 को प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने खोल दिया था, लेकिन बाद में दूसरे गुट ने इसको बंद कर दिया था. इसके बाद प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने फिर से रास्ते को थोड़ा सा खोल दिया है. हालांकि इस रास्ते को खोलने को लेकर प्रदर्शनकारियों की आम सहमति साफ नहीं हो पाई है.
इससे पहले शनिवार सुबह वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. वार्ताकारों की कोशिश चौथे दिन रंग लाई और प्रदर्शनकारियों ने उम्मीद का एक रास्ता खोलने को तैयार हो गए.

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