न्यास ने कहा है कि स्वर्ण गर्भ गृह में सोना लगाने का जितना भी खर्च आएगा, वह न्यास समिति की तरफ से दिया जाएगा.

गर्भ गृह को सोने का बनाने के लिए किसी से न चंदे के रूप में पैसे लिए जाएंगे और न ही किसी से सोना मांगा जाएगा.

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लखनऊ: अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह को सोने का बनाने का प्रस्ताव सामने आया है. श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर के निर्माण में गर्भगृह स्वर्ण पत्तलों से बनाने की बात कही गई है. ये प्रस्ताव पटना के महावीर स्थान न्यास समिति की तरफ से आया है. न्यास ने कहा है कि स्वर्ण गर्भ गृह में सोना लगाने का जितना भी खर्च आएगा, वह न्यास वहन करेगा.


महावीर न्यास समिति के सचिव पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल ने कहा है कि मंदिर को भव्य और दिव्य भव्यता बनाने के लिए कुछ नयापन होना ज़रूरी है. हालांकि इस गर्भ गृह को सोने का बनाने के लिए किसी से न चंदे के रूप में पैसे लिए जाएंगे और न ही किसी से सोना मांगा जाएगा. अगर अनुमति मिली तो मंदिर समिति अपने फंड से गर्भ गृह को सोने का बनाने का काम करेगी.


अयोध्या को लेकर सक्रिय रहे हैं कुणाल किशोर


राम मंदिर को लेकर किशोर कुणाल की सक्रियता कोई नई नहीं है. महावीर न्यास के सचिव कुणाल किशोर की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए दस करोड़ की सहयोग राशि देने का ऐलान पहले ही किया था. साथ ही इस संस्था ने क़रीब 2 महीने पहले प्रस्तावित राम मंदिर के पास एक लंगर भी शुरू किया है. भगवान राम का दर्शन करने आने वाले भक्तों के लिए मुफ़्त खाने की व्यवस्था न्यास की तरफ से की गई थी. ऐसे में लंगर और 10 करोड़ की सहयोग राशि के बाद गर्भगृह में सोना लगाने का प्रस्ताव संस्था की तरफ से आया है.


प्रस्ताव के मुताबिक़ गर्भ गृह में लगने वाले सोने पर जो ख़र्च आएगा, वो 10 करोड़ की सहयोग राशि से अलग है. न्यास की तरफ से जो 10 करोड़ की सहयोग राशि देने की बात कही गई है वो किश्तों में दी जाएगी. पहली किश्त 2 करोड़ रुपये की होगी. इसके बाद मंदिर निर्माण शुरू होने पर अलग अलग चरणों में बाक़ी धनराशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को दी जाएगी. कुणाल किशोर के मुताबिक़ उनके न्यास ने 2016 में ही राम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये इकट्ठा किये थे.


अयोध्या की राम रसोई कैसी है?


अयोध्या के अमावा मंदिर परिसर में पटना के महावीर न्यास की तरफ से राम रसोई की शुरुआत की गई थी. इस संस्था के सचिव कुणाल किशोर के मुताबिक़ अयोध्या में शुरू की गई राम रसोई का मकसद यात्रियों को मुफ़्त में भोजन प्रसाद मुहैया कराना है. इसमें रोज़ाना सबके लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की जा रही है. मंदिर ट्रस्ट ने इसके लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपये का बजट तैयार किया है.


सबसे खास बात ये कि जो चावल भगवान राम को भोग के लिए उपयोग किया जा रहा है, वो बिहार के कैमूर में माता मुंडेश्वरी मंदिर के पास का गोविंद भोग चावल है. मान्यता है कि माता मुंडेश्वरी मंदिर जिस पहाड़ी पर है, वहां से जब बारिश का पानी बगल के गांवों के खेतों में जाता है, तो वो माता के आशीर्वाद से काफ़ी खुशबूदार और स्वादिष्ट होता है. ऐसे में जबसे यह राम रसोई अयोध्या के अमावा मंदिर में शुरू की गई है, अयोध्या आने वाला हर आम और ख़ास इस भोजन प्रसाद को ग्रहण करने का मौका नहीं छोड़ना चाहता. पंगत में बैठकर हर राम भक्त मुग्ध होकर वापस जाता है.


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