*सदर कोतवाली के सामने एक पत्रकार को सरेशाम ज्वेलर्स ने ज़लील किया फिर सिपाही ने बदसलूकी करने में निभाई भागीदारी*
पत्रकार तो हमेशा घूसखोर, भ्रष्टाचारी,दुराचारी जैसे लोगों की आंख में तिनके की भांति चुभता रहता है और पत्रकारिता में हर जलिलत को झेल कर पत्रकार निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करता है कुछ पत्रकार ऐसे भी हैं जो दलाल घूसखोरों से कंधे से कंधा मिलाकर उनके अवगुणों पर पर्दा डालकर खुद पर्दे के पीछे से रकम भरपाई करके भ्रष्टाचारियों की सेवा करते हैं लेकिन वक्त की मार से पत्रकारिता निष्पक्षता से कोसों दूर चली गई केवल साख  बचाए हुए कुछ दिग्गज खीरी जनपद मैं अब भी कर्मठता से अपने लेख और चमकदार छवि से प्रसिद्धिया बटोरे हुए कार्य कर रहे हैं ।परंतु पत्रकार पर पीड़ा अत्यंत निंदनीय है ऐसी घटना लगभग हर जिले में हमेशा होती रहती हैं ।यही कारण है कि सच्चाई और बुराई दोनों का समावेश इस मानव के शरीर में तत्वों में विराजमान है लेकिन जनपद खीरी में पत्रकार बिल्कुल महफूज नहीं इसका उदाहरण लखीमपुर खीरी के दैनिक भास्कर समाचार पत्र से जुड़े संवाददाता शोएब अहमद सदर तहसील से गुजर रहे थे अचानक उनकी नजर लक्ष्मी ज्वेलर्स की दुकान पर पड़ी अपनी दुकान के सामने अवैध कब्जा करते हुए नजर आये ज्वैलर्स खैर पत्रकार ने उनसे बगैर कुछ कहे ही ज्वेलर्स मालिक दुकान से निकले और पत्रकार को उल्टी-सीधी गालिया देते हुए  अभद्रता करने लगे पत्रकार अपनी गाड़ी पर बैठ कर गालियों को सुनता रहा ज्वेलर्स का पारा तेजी से गर्म होने लगा तब उसकी गाड़ी पर जूते मारने लगा और मारपीट पर आमादा हो गया चंद कदम दूर सदर कोतवाली खीरी से फोन पर बुलाया गया दो सिपाहियों को लेकिन खाकी पहने सिपाहियों ने क्या खूब खाकी का परिचय जो काबिलेतारीफ है । दोनों सिपाही पक्षपात करते दिखे और पत्रकार से बदसलूकी की जिम्मेदारी बखूबी निभाने लगे खाकी में भी छिपा रहस्य पत्रकार समझने में विफल रहा और खुद कोतवाली जाकर सदर कोतवाल से न्याय की गुहार लगाई इस  सरकार बीजेपी में यह हाल देखे देखा नहीं जाता चंद कदम दूरी पर एक पत्रकार को जान से मार दिया जाए तब भी पुलिस प्रशासन के कानों में आवाज तक नहीं पहुंचेगी।
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