रामप्रकाश राठौर ब्यूरो प्रमुख हरदोई
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने आज राजकीय समपे्रक्षण गृह रद्वेपुरवा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बाल बंदियों के कमरों में जाकर उनके बिस्तर आदि को देखा तथा शौचालय में नल टोटी टूटी पाये जाने पर अधीक्षक को निर्देश दिये नयी टोटी तत्काल लगवायी जाये तथा बच्चों को मीनू के अनुसार प्रति दिन नाश्ता एवं भोजन दिया जाये तथा बच्चों स्वास्थ्य परीक्षण एक रजिस्टर बनाये जिसमें उनके स्वास्थ्य परीक्षण की तिथि लिखी गयी दवाओं आदि की जानकारी हो।
श्री खरे ने बाल बंदियों के पढ़ने वाले कक्षों में जाकर से बात की तथा उनसे उनकी पढ़ाई, नाश्ता भोजन, खेल, मनोरंजन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बाल बंदियों ने बताया कि पढ़ने के लिए किताबें नही है तथा खेलने की कोई व्यवस्था नही है। इस पर जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं सम्पे्रक्षण गृह अधीक्षक को निर्देश दिये कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से बच्चों को किताबें उपलब्ध करायें तथा जा बाल बंदी हाईस्कूल, इण्टर या उच्च शिक्षा के लिए फार्म भरना चाहत है उनके फार्म भरवायें और बच्चों को खेलने के लिए बैट मिंटन सामान दें ताकि खाली समय में वह खेल भी सके, योगा के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा पास के विद्यालय के योग अध्यापक को बुलाकर बच्चों को प्रतिदिन योग कराया योग कराया जाये। 
उन्होने कहा कि बाल बंदियों को आईटीआई एवं कौशल विकास मिशन से दिये जाने स्वरोजगार बच्चों की रूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिलाये ताकि वह बाहर जाकर एक अच्छे इंसान के रूप में अपने को समाज में स्थापित कर सकें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बंदियों की उपस्थित, बजट, स्वास्थ्य परीक्षण आदि रजिस्टर एवं फाइलों का निरीक्षण के साथ ही रसोई का भी निरीक्षण किया। बच्चों द्वारा जिलाधिकारी से शिकायत की गयी कि वार्डन गंगाधर अवस्थी बच्चों से अच्छा व्यवहार नही करते है, इस पर जिलाधिकारी ने अधीक्षक को निर्देश दिये कि उक्त वार्डन की डियुटी बदलने के साथ ही कार्यवाही भी की जाये। समपे्रक्षण गृह की खाली भूमि के संबंध में जिलाधिकारी ने अधीक्षक को निर्देश दिये उक्त जमीन पर सब्जी की खेती कराने के साथ ही औषधि वृक्षों का रोपण भी करायें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बाल बंदियों से कहा कि सभी मन लगाकर पढ़ाई करने के साथ यहां से बाहर निकलने पर किसी प्रकार का रोजगार कर सके इसके लिए कम्प्यूटर, मोबाइल, सिंलाई आदि का प्रशिक्षण लेकर जाये ताकि समाज में अपने को एक अच्छे व्यक्ति के रूप में स्थापित कर सके। निरीक्षण के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी, बाल सम्पे्रक्षण गृह के अधीक्षक एचपी श्रीवास्तव सहित स्वयं संस्थाओं के पदाधिकारी आदि मौजूद रहें।
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