निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। नया डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उनके पास अभी कानूनी विकल्प बाकी है और आर्टिकल 21 जीने का अधिकार देता है। वहीं निर्भया की मां ने कहा है कि बहुत खुश नहीं हूं क्योंकि पहले भी दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि कभी हार नहीं मानेंगे और कहते है देर है अंधेर नहीं है। उम्मीद करते हैं तीन मार्च को चारों दोषी फांसी पर चढ़ेंगे।
एपी सिंह ने बताया कि दोषी पवन की राष्ट्रपति के सामने नई दया याचिका दोबारा से दाखिल करेगा क्योंकि नए तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट पर दवाब बनाएंगे और जब तक दोषी सारे कानूनी विकल्प का इस्तेमाल नहीं कर लेते तो यह मिस कैरिज ऑफ जस्टिस होगा। अक्षय, विनय और पवन की मामला भी लंबित है। पवन के नाबालिग होने पर भी फैसला आना है और एसएलपी पर फैसला आना है। मर्सी (दया याचिका) और पोस्ट मर्सी की याचिका आती है। 
सिंह ने कहा कि जस्टिस दिखना और होना चाहिए। सिर्फ अखबार और दीवारों पर लिखने से जस्टिस नहीं होगा। 
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने के लिए खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है। दिल्ली की अदालत दोषियों के लिए मौत के नए फरमान जारी करने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को यह स्वतंत्रता दी थी कि वे दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी करने के लिए निचली अदालत से गुहार लगा सकते हैं। सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। निर्भया मामले के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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