इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने पश्तुन तहाफ़ुज़ मुवमेंट यानी पीटीएम और अवामी वर्कर्स पार्टी के 23 कार्यकर्ताओं की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को भारत पर ताना मारा.
इन कार्यकर्ताओं को पीटीएम प्रमुख मंज़ूर पश्तीन के गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में गिरफ़्तार किया गया था. जस्टिस मिनाल्लाह ने सभी 23 अभियुक्तों पर लगे आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह भारत नहीं है, यह पाकिस्तान है और सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी.
अपनी गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ पीटीएम और अवामी वर्कर्स पार्टी के इन 23 कार्यकर्ताओं की ज़मानत याचिका पर जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने सुनवाई की और इन पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया.
सुनवाई के दौरान जस्टिस अतहर ने कहा, ''एक लोकतांत्रिक सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित नहीं कर सकती. एक चुनी हुई सरकार को आलोचना से नहीं डरना चाहिए. संवैधानिक अदालतें लोगों के संवैधानिक हक़ों की रक्षा करेंगी. यह भारत नहीं पाकिस्तान है और सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी. अगर आप विरोध-प्रदर्शन करना चाहते हैं तो अनुमति लीजिए और अनुमति नहीं मिलती है तो कोर्ट है.''
अवामी वर्कर्स पार्टी के एक कार्यकर्ता अमार राशिद को भी इस मामले में गिरफ़्तार किया गया था. इस्लामाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद जब एफ़आईआर वापस ली गई तो उन्होंने इसकी कॉपी ट्विटर पर शेयर की. अमार ने ट्विटर पर लिखा है, ''हमलोगों के ख़िलाफ़ सभी आरोप वापस ले लिए गए हैं. उन सभी का शुक्रिया जो हम लोगों के साथ इस मामले में खड़े रहे. उम्मीद है कि मुल्क में असहमति, शांतिपूर्वक प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाया नहीं जाएगा.''
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