K5 NEWS-बलिया
 बलिया। वैश्विक महामारी कोरोना में जहां आम आदमी  के सहयोग के लिये सरकार कठोर से कठोर नियम निर्देश  लागू कर रही है। वहीं रसड़ा तहसील क्षेत्र के  ग्राम पंचायत सिसवार कला के दो कोटेदारों में प्रशासन के डंडे का इस महा संकट में भी कोई डर नहीं देखा जा रहा है। जी हां दोनों कोटेदारों के  द्वारा अंत्योदय,पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को मानक से प्रति यूनिट एक किलो कम चावल गेंहू दिया जारहा है और तो और   घटतौली कर खाद्यान्न का अधिक मूल्य लेना इनकी आदत बन गई है। प्रशासन के सपनो को चूर चूर करने वाले इन कोटेदारों का जब प्रतिरोध किया जाता है तो इनके द्वारा यह कहा जाता कि हम ऊपर तक महीना पहुंचाते है। हमारा कुछ नही बिगड़ेगा। विरोध करोगे तो फर्जी मुकदमे में फसा देंगे।  इसको लेकर ग्रामीणों ने सामाजिक अंतर का ख्याल करते हुए कोटेदारों के विरोध में नारे बाजी की व शाम तक कम खाद्यान्न को स्वीकार नहीं किया।ग्रामीणों ने बताया है कि विरोध के बाद इनमें से एक दुकानदार ने कहा कि वह पहले कम खाद्यान्न देता था परंतु अब ठीक से वितरित करेगा। जबकि दूसरे दुकानदार ने कहा है कि यदि किसी को हमारे यहां से कम अनाज मिला है तो वे आवे उनका कमी पूरा कर दिया जाएगा। इस प्रकार से दोनों कोटेदारों ने यह बात स्वयं स्वीकार किया कि उनके द्वारा कम खाद्यान्न दिया गया है। जब कि कार्ड धारकों ने भी कोटेदारों के भय व दबंगई पूर्ण वातावरण को दर किनार करते हुए उमके सामने ही उनके काले करतूतों की कहानी कही। जिस पर एक कोटेदार ने तो बवाल खड़ा करने का प्रयास किया किन्तु ग्रामीणों के मुख़ालफ़त के आगे वे ठंडा हो गये। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुये बताया है कि  कि कोरोना के संकट काल मे भी पहले की ही तरह उक्त दोनों कोटेदार  अपने भ्रष्टाचार पूर्ण कारगुजारियों से बाज नही आ रहे हैं।  ग्रामीणों ने बताया कि उक्त दोनों कोटेदार जो घटतौली व मानक से कम अनाज देने,अधिक मूल्य लेने के लिए चर्चित है। कार्ड धारकों के यूनिट को हमेशा घटा बढ़ा कर राशन को गड़प करता रहते है। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया है 

रिपोर्ट
अखिलेश सैनी
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