उत्तर प्रदेश | 01 फ़रवरी 2018 बसपा सुप्रीमो मायावती ने केन्द्रीय बजट को केवल लच्छेदार बातों वाला ग़रीब-विरोधी एवं धन्नासेठ-समर्थक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री बताये कि अच्छे दिन के वादे का क्या हुआ।

केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने आज अपने बयान में कहा कि केवल अलंकृत भाषणों एवं लच्छेदार बातों से ग़रीबों एवं मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है। मोदी सरकार को दावे के सम्बन्ध में जिम्मेदार एवं जवाबदेह सरकार की तरह वास्तविकता का लेखा-जोखा भी जनता को बताना चाहिये। अब तक केवल हवा-हवाई बयानबाजी ही की गयी है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का आज का बजट वास्तव में भारत के हितों की रक्षा करने वाला बजट नहीं है। ग्रामीण युवा को सबसे ज़्यादा बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की ज़रूरत है, ’’पकोड़ा बेचकर’’ रोज़गार अर्जित करने के सरकारी सुझाव की नहीं। करोडों शिक्षित बेरोज़गार लोग बहुत ही मजबूरी में पहले से ही पकोड़ा एवं चाय बेचने वाला काम कर रहे हैं, जो उनकी कौशलता के हिसाब से बिल्कुल भी सही व न्यायोचित नहीं है। यह मोदी सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है।
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