पचदेवरा, संवादसूत्र। मोदी सरकार की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। एक युवक ने अधिकारियों का दरवाजा खटखटाकर न्याय की गुहार लगाई है। आवास योजना में चयन के बाद भी परिवार को आवास न मिल पाने से परिवार छप्पर में रहने को मजबूर है।
ख़्वाजगीपुर निवासी सर्वेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी को लिखे शिकायती पत्र में कहा कि प्रार्थी की पत्नी मंजू व गांव के ही चार अन्य लोगों का प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2018 -19 में पात्रता सूची में चयनित होने के बाद दस सितंबर 2020 को पांचो लाभर्थियों के घर जाकर ग्राम विकास अधिकारी सुरेश यादव ने सभी के आधार कार्ड ले लिए।और 15 सितंबर को ब्लाक मुख्यालय पर बुलाया और पांचो लाभर्थियों से प्रति आवास 15000 हजार की मांग की जिसमे तीन हजार रुपये तुरंत ब 12 हजार रुपये आवास आने पर देने को कहा तो प्रार्थी ने रुपये देने में असमर्थता जाहिर की।उसके बाद ग्राम विकास अधिकारी ने अपने साथ रख रहे एक बाहरी व्यक्ति विजयवीर को लाभर्थियों से फोन द्वारा तीन हजार रुपये पहले व 12 हजार बाद में देने के लिए दबाव बनवाया लेकिन प्रार्थी की स्थित ठीक न होने के कारण वह रुपये नहीं दे सका ।जिसको लेकर ग्राम विकास अधिकारी व अन्य ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से मिल उसको अपात्र दर्शा कर उसका आवास निरस्त करा दिया।और सर्वेंद्र कुमार को ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपमानित भी किया गया।पीड़ित ने जिलाधिकारी को आवास के के लिए रुपये मांगने की सीडी भी शपथ पत्र सहित भेजी है। पीड़ित ने आरोपी अधिकारियों की जांच कराकर उसका हक दिलवाने की गुहार डीएम से लगाई है ग्राम विकास अधिकारी सुरेश यादव ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।वही इस सम्बन्ध में वीडियो भरखनी बिद्याशंकर कटियार ने बताया की ग्राम विकास अधिकारी पर लगाये गए आरोपों की जांच कराई जायेगी ।
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